tag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post3441628048082265587..comments2024-02-11T14:04:15.584+05:30Comments on Comic World: # चौथा पुत्रComic Worldhttp://www.blogger.com/profile/13259813356597463028noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-57217306794174545182021-05-17T20:04:13.385+05:302021-05-17T20:04:13.385+05:30Bhai... Bahut din ho gaye.... Is ka link dijiye......Bhai... Bahut din ho gaye.... Is ka link dijiye.... Please....!mk272717https://www.blogger.com/profile/16997252178717938306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-26306798679905375672014-01-23T21:25:09.227+05:302014-01-23T21:25:09.227+05:30Zaheer bhai, Link is showing deleted.. Pl provide ...Zaheer bhai, Link is showing deleted.. Pl provide alternate linkAbhishek Bardhanhttps://www.blogger.com/profile/17409834903315447347noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-1720954622136847332012-09-09T02:05:45.347+05:302012-09-09T02:05:45.347+05:30Kya kahu ye pad ke apna khoya bachpan yaad aa data...Kya kahu ye pad ke apna khoya bachpan yaad aa data jauise hi comics ka set aata tha Poora Rent per la kar au Ek din mein khatam kar deta tha..per aaj hamare bache DVD aur Video Games se aage sochate hi nahi.....Please aap ise band mat karna verna lagega bachgpan phir gum gayarthttps://www.blogger.com/profile/01174447718420609084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-54570344616674891472012-05-02T00:06:17.006+05:302012-05-02T00:06:17.006+05:30Zaheer Sahab
Nayab prastuti.
parkhi nazar or bhas...Zaheer Sahab<br /><br />Nayab prastuti.<br />parkhi nazar or bhasha ki saafgoi<br /><br />aap 1 umda insaan hone ke sath sath parkhi nazar ke swami bhi hain<br /><br />men apne apne ko is layak to nahi manta ki meri tareef se aap ki kuchh haunsla afazaai ho sake...<br /><br />han ye zarur kahunga ki lee falk sahab ki ye kaal jayi rachna ko aap ke chand shabdon se naya rang zarur mila<br /><br />aasha karta hun aap yun hi hum mitron men apna khazana lootate rahenge<br /><br />aap ka mitra <br /><br />Adityaaditya Mhttps://www.blogger.com/profile/18270306454620385466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-19839086623176935942012-04-19T21:44:44.973+05:302012-04-19T21:44:44.973+05:30ललित भाई आपका स्वागत है,जी हाँ आजकल कुछ वक़्त की क...ललित भाई आपका स्वागत है,जी हाँ आजकल कुछ वक़्त की कमी के चलते और कुछ जोश की कमी के चलते पिछले तक़रीबन दो महीने से कुछ नया पोस्ट नहीं कर पाया हूँ | दरअसल पोस्टिंग के इस हातिमी काम में आप कैसे पाठकों की कमेंट्स बहुत मायने रखती है क्योंकि ये आपकी कमेंट्स ही हैं जो मेरे हौंसले में वलवला पैदा करती हैं वरना तो इस नेकी कर और कुँए में डाल जैसे काम में आखिर एक ब्लॉगर कब तक और कितना वक़्त लगा सकता है | <br /><br />फिल्मों पर और खासतौर से अमिताभ और उनकी फिल्मों पर कुछ नवीन और कुछ नया लिखने-पढ़ने की तमन्ना मेरी हमेशा से रही है | पढ़ता तो मैं रहता ही हूँ लेकिन उनपर लिखने के लिए मुझे आप सबकी अधिकाधिक कमेंट्स की ज़रुरत रहती है जो मुझमे नयी पोस्ट्स तैयार करने लायक जोश भर सके |<br /><br />तो ऐसे में आप समझ सकते हैं की आप सबकी तहेदिल से लिखी गयी कमेंट्स मेरे लिए कितनी और किस किस्म के मायने रखती है |Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-88425630231712754922012-04-19T18:58:46.133+05:302012-04-19T18:58:46.133+05:30ज़हीर भाई, सबसे पहले तो आपसे माफ़ी मांगना चाहूँगा,...ज़हीर भाई, सबसे पहले तो आपसे माफ़ी मांगना चाहूँगा, ब्लॉग पे मैं पिछले १ साल से कोई कमेन्ट नहीं कर सका. अभी कोई सफाई भी नहीं दूंगा, क्योंकि बहाना बनाना बेकार है, बस इतना कहूँगा की ब्लॉग पे मैं अक्सर आता हूँ, लेकिन सिर्फ पड़ता था, आपको हमेशा याद रखा .. बस मेल या कमेन्ट नहीं कर पाया. <br /><br /> आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने मुजहे याद रखा, वो पोस्ट जिसमे आपने मैगजीन स्केन्स पोस्ट किये हैं, अपने मेरा ज़िक्र भी किया .. किस मुह से आपका धन्यवाद दूँ. आपके सभी पोस्ट बेहतरीन होते हैं, लेकिन लगता है कुछ वक़्त से आपने काफी कम कर दिया है, हम समाजह सकते हैं आपकी मजबूरी, इतना वक़्त निकलना मुश्किल ही होता है, लेकिन महीने में १ पोस्ट तो बनता है बॉस .. :)<br /><br />आप इसी तरह अपने खजाने से हीरे चुन चुन कर हमें दिखाते रहे, इसी आशा के साथ .. अभी अलविदा .. और उम्मीद है आप जल्द ही अमिताभ का कोई बेहतरीन artile मैगजीन में से स्कैन कर के पोस्ट करेंगे .. :)<br /><br />आपका दोस्त <br />ललितLalit oberoihttps://www.blogger.com/profile/07329819802965769894noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-16624394655158338402012-02-27T23:34:30.590+05:302012-02-27T23:34:30.590+05:30friends to read my poems go to http://shubhamdixit...friends to read my poems go to http://shubhamdixit.blogspot.in/Shubham Dixithttps://www.blogger.com/profile/04552768027106342514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-89108810433065727612012-02-21T21:38:37.592+05:302012-02-21T21:38:37.592+05:30I just bookmarked your blog. Thanks.I just bookmarked your blog. Thanks.jojopig.comhttps://www.blogger.com/profile/02504395639519039761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-10141148908161445722012-02-19T19:03:28.296+05:302012-02-19T19:03:28.296+05:30बरेली से: दयानिधि भाई बहुत धन्यवाद् इन खूबसूरत अल्...<b>बरेली से:</b> दयानिधि भाई बहुत धन्यवाद् इन खूबसूरत अल्फाज़ों का | आप जैसे पाठकों की बदौलत ही मुझे प्रेरणा मिलती है लगातार लिखते जाने की | एक बार फिर आपका तहेदिल से धन्यवाद |Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-80814239824933038952012-02-19T10:30:48.982+05:302012-02-19T10:30:48.982+05:30मित्र, विशाल जी को धन्यवाद और उनकी पारखी नजर को सल...मित्र, विशाल जी को धन्यवाद और उनकी पारखी नजर को सलाम! मुझे तो इसमें बहुत आनंद आता है कि आप <br /><br />मुझे उस अवस्था में पहुंचा देते हैं जब मैं ८-९ बरस का था और तब से २२-२३ बरस तक पन्द्रह साल इन कामिक्स <br /><br />का खूब लुत्फ उठाया. अब भी पढ़ता हूँ, बस मेरे बच्चों को यह नसीब नहीं. क्या जमाना आ गया. जहीर भाई <br /><br />की मेहनत को तो क्या लिखूँ, इतनी मेहनत हर किसी के बस की बात नहीं. हैट्स ऑफ! और इनकी पोस्ट पर <br /><br />कमेंट्स, माशाअल्लाह, कितनी खूबसूरती बढ़ा देते हैं, कहा नहीं जा सकता. अवर्णनीय आनंद देते हैं. <br /><br />अकल्पनीय, विस्मयकारी अवस्था में पहुँचा देते हैं आपके लेख...बरेली सेhttps://www.blogger.com/profile/10127507436735317915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-91994786646875026052012-02-13T22:36:51.540+05:302012-02-13T22:36:51.540+05:30वाह कॉमिक भाई वाह ! वेताल से जुडी हर शंका का निवार...वाह कॉमिक भाई वाह ! वेताल से जुडी हर शंका का निवारण है आपके पास !<br />क्या आपने एक दृश्य पर गौर फ़रमाया जब जातुन खान कहता है की मेरी बेटी की शादी यह जंगली "savages " नहीं बल्कि मैं करूँगा तो एक कबीले के मुखिया को "गुरर्र " करते हुए दिखलाया गया है , मजेदार दृश्य है यह<br />और एक दृश्य में जब रंट को पता चलता है की जातुन खान बीहड़ वन में आ चूका है तो वो आपने तीनो भाईओं के साथ अंतिम आदमी तक लड़ने की शपथ लेता है तो वेताल का एक भाई कहता "और अंतिम औरत तक" और मन ही मन यह कहता है की 'क्या औरत है' ! ऐसा मालूम जान पड़ता है की वो भी 6 फुटी वाट्टा पर लट्टू हो चूका था :)VISHALhttps://www.blogger.com/profile/07311686001418613199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-72936213157703321922012-02-13T19:23:37.730+05:302012-02-13T19:23:37.730+05:30Vishal: विशाल भाई मैं कोशिश करूँगा की भविष्य में ज...<b>Vishal:</b> विशाल भाई मैं कोशिश करूँगा की भविष्य में जब तक किसी भी पोस्ट के मुताल्लिक सारे ख्यालों को शब्दों की शक्ल में पोस्ट पर चस्पा नहीं कर देता तब उसे पोस्ट न करूँ |<br /><br />आपके शुबहात(शंकाएं) वाजिब हैं लेकिन उनके सबके माकूल जवाब भी है अब जैसे की ली-फाल्क ने पाँच फुट के वेताल की शादी छः फुट से भी ज़्यादा लम्बी राजकुमारी से इसलिए करवाई होगी ताकि इनके बच्चे यानि भावी वेताल बौने कद के न होकर लम्बे कद के हो | <br /><br />और जहाँ तक आपके दूसरी शंका का प्रश्न है तो गहन जंगल के आदिवासियों में बहु-पत्नी प्रथा एक बहुत ही आम बात है आर कई-कई कबीलों में तो अधिकाधिक पत्नी रखने वालों को सम्मान और ऊँची नज़रों से देखा जाता है तो एक तरह से वेताल का बहु पत्नी रखने का भ्रम उसकी किवदंती और जंगल में उसकी स्थिति को मज़बूत ही करता होगा और जंगल वाले यह कहते नहीं थकते होंगे की चलता-फिरता प्रेत जिसकी ४० से भी अधिक पत्नियाँ है और जो सिर्फ वेताल के ही बस की बात है |<br /><br />ऐसे ही हर कहानी से जुड़े बहुत सारे प्रश्न/शंकाएं हैं जो आप जैसे सुधि वेताल मित्रों से चर्चा के दौरान खुल कर बाहर आते हैं |Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-53948490704698364502012-02-13T19:22:23.437+05:302012-02-13T19:22:23.437+05:30PBC: Thanks Prabhat.<b>PBC:</b> Thanks Prabhat.Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-7216978150107764852012-02-13T18:22:59.832+05:302012-02-13T18:22:59.832+05:30Hojo: Yeah,i remember to check these Sunday pages ...<b>Hojo:</b> Yeah,i remember to check these Sunday pages at your blog.There is no doubt about the superb coloring/inking quality of these strips published in AM magazine due to which the overall beauty of these strips has increased manifolds.<br />Though i don't know Bengali but still these attractive AM strips are luring me to watch them again and again.<br />I seriously wish if you can convert the bengali fonts of these strips in English one for non-bengali reader like us.<br />In either case looking forward to see more such colored AM strips from your side and specially S-137.Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-82620422122385927442012-02-13T18:15:19.659+05:302012-02-13T18:15:19.659+05:30Vidhyadhar: You are welcome Bro.<b>Vidhyadhar:</b> You are welcome Bro.Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-48601204116541700262012-02-13T17:18:26.670+05:302012-02-13T17:18:26.670+05:30Glad to see you in mood like 2007.
Keep it up!Glad to see you in mood like 2007.<br /><br />Keep it up!PBChttps://www.blogger.com/profile/06090497910268674402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-33895993679884948432012-02-13T17:17:42.586+05:302012-02-13T17:17:42.586+05:30कॉमिक भाई , अगर आपने वेताल परम्परयों को तोडती हुई...कॉमिक भाई , अगर आपने वेताल परम्परयों को तोडती हुई लाजवाब पोस्ट दर्शाई है तो आप भी अपनी 'एक ही सिटिंग' में पोस्ट तैयार करने की परंपरा को तोडिये जिससे की ऐसी और भावी पोस्टों की भव्यता को और चार चाँद लगाये जा सकें !<br /> जहाँ तक इस कहानी का सवाल है तो यह वेताल की शीर्ष दस कथायों में से एक है ! सच कहूँ तो मुझे यह कहानी याद नहीं थी , आपने जब पोस्ट किया तो मैंने अपनी अलमारी में से यह दोनो अंक निकाल कर पड़े और अपने आप को कोसा भी की कैसे मैं इस अनमोल कहानी को भूल गया , पर जैसे जैसे पन्ने पलटता गया , यादें ताजा होती चली गयी ! क्या करें ! कोहलु के बैल की तरह रोज घूमते घूमते काफी कुछ भूल गया हूँ पर आप जैसे दिग्गज जब ऐसी पोस्ट करतें हैं तो सब कुछ धीरे धीरे याद आना शुरू हो जाता है<br /> हम्म्म , आपका यह कहना की जंगल वाले छोटे कद के वेताल को देख कर आश्चर्यचकित नहीं हुए बल्कि एक और किवदंती की शुरुयात हो गयी की वेताल अपना कद भी बदल सकता है ! आपका यह तर्क बिलकुल सही और सटीक बेठता है ! अब इस बारे में कोई शक नहीं उठता<br /> इस कहानी को पढनें के बाद दो और शंकाएं मन में उपजी , अब मैं तो ली फाल्क की मनोदशा आप की तरह पड़ नहीं सकता इसलिए मेरी दो और शंकाएं यह हैं :<br />(१) ली फाल्क नें मध्यम कद के वेताल के लिए 6 फुट की राजकुमारी का ही चयन क्यों किया ?<br /><br />(२) कबीले वाले रंट की माता यानि आठवें वेताल की पत्नी को रंट की पूर्व पत्नी के रूप में ही देखेंगे ना ! क्योंकि उनकी नजर में तो वेताल अमर है जो कई शादियाँ कर सकता है क्योंकि वो सदा जवान रहता है , तो क्या रंट को भी इस विषैले परंपरा रूपी दंश को सहना पड़ा कबीले वालों के यकीन को बरकरार रखनें के लिए , क्योंकि जंगल किवदंती तो यह ही है की वेताल एक ही है और उसकी जननी भी एक ही है , अगर कबीले वालों की नजर से देखा जाये तो वेताल अब तक 42 शादियाँ कर चुका है !<br /> क्या आपको नहीं लगता की इस संधर्भ में ली फाल्क चूक कर गए ?<br /><br />चर्चा अभी जारी है ...................VISHALhttps://www.blogger.com/profile/07311686001418613199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-16689552659351431792012-02-13T14:33:51.854+05:302012-02-13T14:33:51.854+05:30Vishal Sharma: विशाल भाई सबसे पहले तो आपको आपकी इस...<b>Vishal Sharma:</b> विशाल भाई सबसे पहले तो आपको आपकी इस छिद्रावेशी कमेन्ट क लिए धन्यवाद् और उसके बाद आपकी परखी नज़र की भी दाद देना पड़ेगी जिसने यह ताड़ लिया की मैंने पोस्ट जल्दबाज़ी में पोस्ट की | <br /> जी,हाँ यह पोस्ट जल्दबाज़ी में पोस्ट करने की वजह से कई सारे पहलू छूट गए जिसमे राजकुमारी वाट्टा का ज़िक्र,डायमंड अनुवादक का उच्चकोटि का अनुवाद, रंट की मनोदशा,वेताल का रंट को पढ़ने के लिए अमेरिका न भेजना जैसी और भी कई बाते शामिल थी | <br /><br />दरअसल इस पोस्ट को मैं शनिवार की शाम से तैयार करने बैठा था जो नेट की धीमी गति के चलते देर रात तक भी ये पूरी नहीं हो पाई थी,और रविवार की सुबह जल्दी उठकर इस पोस्ट को पूरा करा गया क्योंकि रविवार को और भी कई सारे काम रहते हैं इसलिए सुबह तक जितनी पोस्ट पूरी हो पाई उतनी मैंने कर दी थी क्योंकि आमतौर पर मैं एक ही सिटिंग में पोस्ट मुक़म्मल करने को तरजीह देता हूँ | <br /><br />खैर,जितने भी पहलु छूट गए थे वो सब इन कमेंट्स के ज़रिये पूरे कर लिए जायेंगे जैसा की आप कर ही रहे हो | आपने बात की है कि बौने कद के वेताल को देखकर क्या जंगल के मुखिया चौंके नहीं होंगे और उन्हें वेताल के अजर-अमर होने पर शुबहा नहीं हुआ होगा तो इसका जवाब है कि चूँकि जंगल वालों के लिए वेताल एक चलता-फिरता प्रेत है जो कई मायावी शक्तियों का मालिक है,जिसके साथ कई दन्त कथाएँ जुडी हुई है,जो एक समय में कई जगह हो सकता है,जो पक्षी की तरह उड़ भी सकता है(गंडोर देवता वाली कथा) तो वो अपना कद क्यों नहीं बदल सकता !!<br /> वैसे भी जंगल वाले किन्ही ख़ास अवसरों पर ही वेताल से रूबरू हो पाते हैं तो ऐसे में उन्हें वेताल के कद में कमी भी वेताल की कोई माया ही लगी होगी जिसका उन्होंने अपने बच्चों से बाद में ज़रूर ज़िक्र किया होगा की वेताल तो अपना कद भी बदल सकता है | <br /><i>जारी है....</i>Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-74483048816610010742012-02-13T14:09:14.969+05:302012-02-13T14:09:14.969+05:30Last year,I have posted some scans of ol' Phan...Last year,I have posted some scans of ol' Phantom sundays from magazine 'Desh'(sundays upto s136 were published there).Later,s137 onwards strips were added in AM.<br />Will scan few more pages soon...<br />---------<br />One can check a few scans in these following blog posts:<br /><br />http://dara-indrajal.blogspot.in/2011/02/bengali-phantom-sunday-strip-pages_24.html<br /><br />http://dara-indrajal.blogspot.in/2011/06/bengali-phantom-sunday-strip-pages.htmlHojOhttps://www.blogger.com/profile/07025339354921022988noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-83547978287544319122012-02-13T13:53:05.746+05:302012-02-13T13:53:05.746+05:30Thanks Zaheer bhai...Thanks Zaheer bhai...Vidyadharhttps://www.blogger.com/profile/03483710178779958248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-11227937492822926782012-02-13T13:25:05.647+05:302012-02-13T13:25:05.647+05:30निसंदेह ! अगर वेताल परंपरा और पुरखों की बात की जाय...निसंदेह ! अगर वेताल परंपरा और पुरखों की बात की जाये तो यह एक उत्कृष्ट और अविस्मर्निये गाथा है ! एक नयी परंपरा का उल्लेख जो इस कहानी में है वो मैंने पहले किसी और वेताल कथा में इतना विस्तृत तरीके से नहीं पड़ा की वेताल के बच्चों को बारह वर्ष का होने पर अपनी माँ के शहर जाना होता है पड़ने के लिए लेकिन इसी परंपरा को ली फाल्क नें इसी कहानी में ही बेहद खूबसूरती से तोडा 'रनट' यानि की चोथे पुत्र के रूप में जो की बीहड़ वन में ही जवान हुआ और अपनी माँ के शहर नहीं गया <br /> एक और परंपरा जिसे ली फाल्क नें तोडा - वेताल को पांच फुट और ढाई इंच का दिखला कर , अब बोने तो इस सच्चाई से वाकिफ हैं की वेताल अमर नहीं है , मगर बाकि कबीले वालों को कैसा लगा इस छोटे कद के वेताल को देख कर जो यह मानते हैं की "चलता फिरता प्रेत अमर " है , क्या उन्हें 'झटका' नहीं लगा की कैसे 6 फुट से ऊँचा वेताल साडे पांच फुट से भी छोटा हो गया !! इसी कहानी में जब कबीले के मुखिया 'रनट' यानि की चोथे पुत्र यानि की नोंवे वेताल के शादी समारोह में सम्मिलित होते हैं तो क्या उनका यह मिथक नहीं टूटता है नोंवे वेताल के छोटे कद को देखकर की वेताल अमर है ? पता नहीं क्यों ली फाल्क इस विषय में 'मौन' क्यों रहे ? अब जंगल वाले इतने भी नासमझ नहीं है जो कद काठ में अंतर न देख पाएं ! एक और वेताल परंपरा जो इस कहानी में टूटी वो यह की पहली बार वेताल का सबसे छोटा पुत्र अगला वेताल बना ! <br /> अगर चुनिन्दा वेताल कथाओं की बात चले तो यह कहानी तो शत प्रतिशत इस श्रेणी में शुमार होती है , वैसे आठवें वेताल का लगाव शुरू से ही अपने चारों पुत्रों से ज्यादा रनट की और ज्यादा रहा है , तभी तो वेताल एक दम से नाराज हो जाता है अपने तीनों पुत्रों को रनट को गेंद की तरह उछालते देख कर ! बाल मन पर जब कोई चोट लगती है तो कैसी मनोदशा होती है , इसे ली फाल्क नें एक दृश्य में खूब अच्छी तरह से दिखलाया है जब छोटा रनट अपनें बौनेपन से दुखी होकर घर छोड़ कर जंगल में भाग जाता है यह कह कर की " अब में जंगल में ही रहूँगा और (सुबकते हुए ) बेर खाकर ही जिन्दा रहूँगा " ! बहुत खूब , पीछे बब्बर और आगे तेंदुआ होने पर भी नहीं घबराया बालक रनट ! <br /> लम्बे होने के लिए रनट नें क्या कुछ नहीं किया . पेड की डाली पर लटकर अपनी टाँगे भी खिचवाई , और कसरत करने का अनोखा तरीका जो मैंने आज तक की फिल्म तक में नहीं देखा , वेट लिफ्टिंग की शुरुयात की रनट नें बछड़े को उठा कर और युवा होते होते एक बैल को उठा लिया अपनी गोदी में ! जोरदार दृश्य !! <br /> कॉमिक भाई अपने इस कहानी के एक ही पहलु पर ज्यादा तवज्जो दी है ! यां अगर मैं यूँ कह दूँ की आपने इस पोस्ट को थोडा जल्दी में पोस्ट कर दिया ! एक कहानी में 6 फुट लम्बी पॉवर हॉउस राजकुमारी बाट्टा का जोरदार किरदार भी है , जिसे पहली नजर में आठवां वेताल भी भा गया था पर उम्र की वजह से बात आगे नहीं बड़ी ,पर नोंवें वेताल यानि रनट की बैजौड़ ताकत देखकर यह अपना दिल उसे दे बेठी , देखा आपने की कैसे रनट घोड़े पर ही बैठकर आपने दोनों हाथ खोल कर दो पहरेदारों को गर्दन से पकड़कर घोड़े पर बेठा ही महल की सीडियों से होते हुए सीधा जातुन खान के सामने ला पटकता है <br /> राजकुमारी बाट्टा नें यह प्रण लिया हुआ है की जो भी पुरुष उसे मुकाबले में हरा देगा वो उसका पति होगा , रनट का रूमानी पहलु भी तब बाहर आता है जब वो यह कहता है की "इतनी खुबसूरत लड़की के हाथों मरनें का भी कोई दुःख नहीं " , जब राजकुमारी बाट्टा रनट को युद्ध के लिए अपना मनपसंदीदा हथियार चुनने को कहती है तो रनट के यह शब्द बाट्टा के पत्थर दिल को पिघलाते चले गए " बिना हथियार ही ठीक रहेगा , इससे 'नजदीकी' बनी रहेगी ;)" <br />और राजकुमारी बाट्टा इस 'नजदीकी' शब्द को सुन कर जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की की तरह शरमायी ! और आपने 'रनट - बाट्टा' के इन प्रेम प्रसंगों का जिक्र तक नहीं किया अपनी पोस्ट में !!! आखिर क्यों ? <br /><br />आपने अब तक जितनी भी वेतालों पर पोस्ट की है यह पोस्ट उन सब से हट कर है , पोस्ट की गुणवत्ता आपकी 'जंगल गश्तीदल' वाली पोस्ट की श्रेणी से भी ऊपर है क्योंकि एक तो यह वेताल पुरखों पर आधारित है और दूसरा इस पोस्ट से वेताल परंपरा के कई रहस्य पाठकों के सामने उजागर हुए , इस दुर्लभ विषय पर पोस्ट तैयार करना वैसे ही बेहद मुश्किल हैं क्योंकि इस पर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है , पर आपने कर दिखलाया कॉमिक भाई !<br /><br />वेताल के जन्म-मास उत्सव पर इससे बड़ी दावत और क्या चाहिए पाठकों को !VISHALhttps://www.blogger.com/profile/07311686001418613199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-60290898985177571182012-02-13T12:32:56.974+05:302012-02-13T12:32:56.974+05:30Hojo: Rightly said,the initial digests were somewh...<b>Hojo:</b> Rightly said,the initial digests were somewhat good regarding publishing quality but the treatment deteriorated subsequently.<br />If possible then post some of the pages of AM of those strips.Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-645623580650873202012-02-13T12:29:38.671+05:302012-02-13T12:29:38.671+05:30Mohd Qasim : Thanks and you are welcome.<b>Mohd Qasim :</b> Thanks and you are welcome.Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-44356962983329600182012-02-13T12:28:49.664+05:302012-02-13T12:28:49.664+05:30Vijay Kr.Sappatti: विजय भाई ये आप जैसे दोस्तों की ...<b>Vijay Kr.Sappatti:</b> विजय भाई ये आप जैसे दोस्तों की हौंसला-अफज़ाई ही है जो मुझे निरंतर नए तरीके की पोस्ट्स को तैयार करने की प्रेरणा देती है | अजी साहब घर आपका है जब चाहें तशरीफ़ लाइए |Comic Worldhttps://www.blogger.com/profile/06397258202160274792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4080173325200397348.post-71529603824205142662012-02-13T10:26:07.470+05:302012-02-13T10:26:07.470+05:30Nice story!This was the last *new* strip published...Nice story!This was the last *new* strip published in DC-P,as after that all were reprints,sadly!<br /><br />While Ijc stopped at s133 and dc did some local 'work' on the original strips(say stertching,cropping etc),one Bengali magazine 'Anadamela' published these unedited strips in Bengali with full-color on glossy pages.So,after s133 and specifically from s136 & s138 onwards,those were only colored unedited source I have ever seen!(Btwn,The treatment s134,s135 & s137 received from dc were below-par,I think.The earliest 15-17 Phantom digests were best done by DC though!)<br /><br />PS - AM still publish the current sundays in color but now the craze is much down!HojOhttps://www.blogger.com/profile/07025339354921022988noreply@blogger.com